By : Pankaj Namdeo, Chhatarpur
छतरपुर । कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग छतरपुर के जिला एवं मैदान स्तरीय अधिकारियों से जारी वित्तीय वर्ष के लक्ष्य के विरूद्ध अर्जित उपलब्धि की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि प्रसूति माता एवं बच्चे की सुरक्षा के लिए संस्थागत प्रसव कराने पर मैदानी अमला चौकस निगाह रखें। समीक्षा बैठक में सीएमएचओ डा. विजय पथौरिया, जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री अनिल जैन तथा जिला टीकाकरण अधिकारी एवं महिला बाल विकास के सीडीपीओ और सेक्टर सुपरवाईजर उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि चिन्हित गर्भवती माता एवं उसके परिजनों को प्रारंभ से ही संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि प्रसूति के समय किसी विषम स्थिति के चलते मां एवं बच्चे को संकट का सामना नहीं करना पड़े। उन्हें समझाईश दी जाए कि संस्थागत प्रसव कराने पर प्रोत्साहन के रूप में शासन द्वारा 16 हजार रूपए की राशि दी जाती है। लक्ष्य हासिल के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जनजाग्रति अभियान चलाएं और शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने पर फोकस रखें। इस कार्य के लिए सीडीपीओ और सेक्टर सुपरवाईजर भी सजग रहें।
कलेक्टर ने बताया कि गर्भधारण से लेकर प्रसूति होने तक माता एवं बच्चे को कुपोषण की कमी से बचाने के लिए सजग रहें और गर्भवती महिला का चिकित्सक से जरूरी परीक्षण कराएं। उन्हें पोषण आहार खाने का परामर्श दें और आयरन फोलिक एसिड की दवाई दें। क्षेत्र की सभी गर्भवती माताओं का प्रथम तिमाही में अनिवार्य रूप से पंजीयन कराएं, चार बार उनका परीक्षण कराएं, चिन्हित गर्भवती माताएं नियमित रूप से उपचार के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र आएं।
कलेक्टर ने कहा कि पूर्णा अभियान का उद्देश्य है गर्भवती माताओं को पोषण के लिए क्या-क्या खाद्य सामग्री दी गई है, उस सामग्री एवं औषधि का लाभार्थी द्वारा कितना उपयोग किया गया है, उनकी कितनी जांच हुई है, यदि कुपोषण है तो उसके वास्तविक कारण की जांच करें और स्वास्थ्य परीक्षण में बतलाए गए पोषण आहार एवं दी गई औषधि का सेवन करने की सलाह संबंधित महिला को दें।
उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चे नहीं जन्में और गर्भवर्ती माता भी पोषित बनी रहे इसके लिए पूर्णा अभियान छतरपुर जिले में शुरू किया गया है। हम सभी की जिम्मेवारी है कि इस अभियान को व्यवस्थित तरीके से संचालित करें और संस्थागत प्रसव कराने के संबंध में गर्भवती माता एवं परिवार को सरल तरीके से समझाने के तरीके इजात करें। समीक्षा बैठक में लाडली लक्ष्मी योजना, पूर्णा अभियान, पूरक पोषण आहार, सेम और मेम योजना, कुपोषित बच्चे में रिकवरी के प्रयास तेज करने, आयुष्मान कार्ड की समीक्षा की गई।
कोविड टीकाकरण के दायित्व का निर्वहन करें
कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह महिला एवं बाल महकमे के मैदान स्तरीय अधिकारियों से कहा कि जिले में संचालित कोविड टीकाकरण अभियान में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 60 वर्ष से अधिक उम्र तथा चिन्हित बीमारियों से पीड़ित 45 से 59 वर्ष के ऐसे व्यक्ति जो टीकाकरण के लिए केन्द्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं का टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करें। इसी तरह कोविड संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूक बनाने पर जोर दिया।
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